में बड़ा नहीं होना चाहता हूँ मैं आज 22 साल का हूँ पर एक नन्हे बच्चे की तरह हूँ हमें लोगों के सवाल काफी ज्यादा बेचन कर देते हैं कब समय आयेगा जब लोगों के सवाल के साथ में उत्तर दिखेगा पर शायद मुझे लगता है कि आगे की जिंदगी और ज्यादा कठिन होगी क्या सच में कुछ बन पाऊंगा या नहीं यह सब सवाल दिन रात मुझे तीर कि चुबते है।
और सवाल पेदा भी क्यूँ नहीं होंगे होने भी चाहिए जिदंगी इस कदर रुकी हुई है जैसे रैलगाडी किसी बीच रास्ते में फंस गई हो उसके अंदर सवारी तो बेटी हुई है पर वो गाड़ी खराब हो गई है
ऐसी ही जिदंगी हो गयी है इस वायरस ने मेरी जिंदगी पर इतना बुरा असर पड़ रहा हैं कि पुच्छो मत इसने मुझे काफी ज्यादा बेचन किया है “जिदंगी ना चलती हुई अच्छी लगती है रुख गई तो हमें काफी ज्यादा नुकसान होता है” अब ये सब बातें करने के लिए कोई हैं भी नहीं अब घर वालों से ये बात केसे कुरू की मेरी कोई ऐसी दोस्त नहीं है जिसे बताऊ मुझे लगता है जिंदगी मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा कर रही है जब यह दुनिया बनायी है क्या मेरी दुनिया अलग है या मैं कोई अलग ग्रह से हूँ तो कोई लड़की ही नहीं है जिदंगी में. मेने बहुत से को देखा है उनके पास 10 12 है बस वो एक उनके लिए एक हेवानियत कि मशीन है हवस के पुजारी है ये सब क्यु होता क्या प्रेम का मतलब यह होता है क्या’ ना तो उन लडकों को पता है और ना ही उन लडकियाँ को पता है मैं बहुत गुस्सा हूँ इस पीढी पर…..
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7 replies on “टुटी फुटी मेरी जिंदगी”
I guess this is the right platform to penned down our thoughts…..
Last me tumne kyi points ko mix up kr dia hai…to thoda smjhne me problem ayi.
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Yaa right I will try to write right
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Yes, it is..btw the rhyme was great 😂😂(write right).. Please don’t take this seriously 😅
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मैं थोड़ा ना समझ हू इस लिए क्या लिख रहा हूँ मुझे पता नहीं चल रहा है शायद गुस्सा हू हालत पर जिंदगी पर
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Okay, I hope you’re fine now !
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No
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नहीं हम शायद जैसा सोचते हैं जिंदगी वैसी नहीं होती है मैं काफी ज्यादा डिप्रेशन में रहता हूं
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